51th Day :: Antisocial Elements on Social Media
Technology के विकास के साथ Social Sites की भी बाढ़ आ गयी है साथ ही आ गयी है इन साइट्स पर अच्छे-बुरे Comments की बाढ़। आजकल सोशल साइट्स का इस्तेमाल भद्दे jokes और गाली-गलौज़ के लिए किया जा रहा है। उसपर सोशल-साइट्स का इस्तेमाल राज़नीति के लिए होना कोढ़ पर खाज की तरह काम कर रहा है। इसके माध्यम से राजनैतिक लोग अपने प्रतिद्वंदियों के खिलाफ काफ़ी निजी और आपत्तिजनक Comments कर रहे हैं।
समस्या यह है कि इन्हें Controll करने के लिए कोई स्वतंत्र संस्था नहीं है।
मैं ये नहीं कह रहा हूँ कि सोशल-साइट्स का इस्तेमाल गलत है लेकिन मैं ये जरूर कहना चाहता हूँ कि किसी स्वतंत्र संस्था द्वारा इसकी निगरानी जरूर होनी चाहिए जो बिना किसी राजनैतिक लगाव या द्वेष के इन साइट्स को साफ़-सुथरा बनाये ताकि एक आम व्यक्ति बेहिचक इन साइट्स का इस्तेमाल कर सके।
समस्या यह है कि इन्हें Controll करने के लिए कोई स्वतंत्र संस्था नहीं है।
मैं ये नहीं कह रहा हूँ कि सोशल-साइट्स का इस्तेमाल गलत है लेकिन मैं ये जरूर कहना चाहता हूँ कि किसी स्वतंत्र संस्था द्वारा इसकी निगरानी जरूर होनी चाहिए जो बिना किसी राजनैतिक लगाव या द्वेष के इन साइट्स को साफ़-सुथरा बनाये ताकि एक आम व्यक्ति बेहिचक इन साइट्स का इस्तेमाल कर सके।
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