72th day :: pak ko jawab

(a )  जब पाक भारतीय मुसलमानों के बारे में चिंता व्यक्त करे तो भारत को उससे पाक में रहने वाले अल्पसंख्यक हिन्दुओं की खराब स्थिति को याद दिलाना चाहिए। पाक से कहना चाहिए कि पहले वो पाक में अल्पसंख्यक हिन्दुओं को सुविधाएं उपलब्ध कराये उसके बाद ही भारतीय मुसलमानों के बारे में कुछ बोले । पाक को याद दिलाना चाहिए की उसने तो बंटवारे के बाद भारत से पाक गए मुसलामानों को भी दसकों तक नहीं अपनाया और उन्हें काफिर कहता रहा। 
(b ) हमें कश्मीर के शांति समझौते को जरा सा भी झुके बिना सुलझाने का प्रयास करना चाहिए वरना पाक अपनी नापाक हरकतें पंजाब और बंगाल तक बढ़ा सकता है क्योंकि कश्मीर की तरह इन राज्यों का भी आधा हिस्सा पाक में है।
 हमें solution के तौर पर ( पाक और परोक्ष रूप से उसका साथ दे रहे चीन के साथ ) शान्ति समझौते में हमें ये कहना चाहिए कि भारत पाक की माँग के अनुसार आज़ाद कश्मीर बनाने के लिए तैयार है बशर्ते कश्मीर के साथ - साथ  भारत, पाक, चीन, और हिमालय से लगे सभी देशों के बर्फीले क्षेत्रों को मिलाकर एक स्वतंत्र देश का निर्माण करने का प्रस्ताव रखे। साथ ही ये एक अंतर्राष्ट्रीय संधि भी बनाई जाय जिसके अनुसार कोई भी पड़ोसी देश ,नवनिर्मित देश पर हमला न कर सकें।
 इस तरह हम एक तीर से कई शिकार कर सकते हैं क्योंकि इतने बड़े फैसले के लिए कोई पडोसी देश तैयार नहीं होगा। लेकिन इससे अलगाववादियों के आकाओं के मुंह सिल जाएंगे। जिससे कश्मीर के लोगों को अलगाववादियों की सच्चाई समझ में आ जाएगी और वे अमन के रास्ते पर आ जायेंगे ।
 और अगर पूरा हिमालय एक स्वतंत्र देश बनता भी  है तो भारत को इतना फ़ायदा तो होगा ही कि हमें हिमालय की सुरक्षा नहीं करनी पड़ेगी। 
  मैं नहीं जानता कि मेरा मेरा ये विचार कितना प्रैक्टिकल है लेकिन अगर प्रैक्टिकल है तो सच में बड़ा काम कर सकता है और भविष्य में पाक मुँह बंद करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। 

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