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Showing posts from September, 2018

75th day:: pooja, functions & our streets

भारत में पूरे साल भर विभिन्न कार्यक्रमों (शादी-विवाह आदि) का आयोजन होता रहता है।   अभी कुछ ही समय में नवरात्र हैं जिसमें दुर्गापूजा का आयोजन होना है। जिसके लिए जगह-जगह पान्डाल लगाने की शुरुआत हो चुकी है। साथ ही इन पान्डालों को लगाने के लिए सडकों पर गढ्ढे खोदने शुरू किये जा चुके हैं। आश्चर्य की बात है कि आज हम खुद सडकों पर गढ्ढा खोद रहे हैं और कल ही सरकार व नेताओं को इसके लिये गाली देंगे।    इस समस्या के समाधान के रूप में मेरा मानना है कि इन सभी कार्यक्रमों और पूजा का आयोजन marriage hall में या शहर के बाहर सडक से दूर किसी जमीन पर मनाया जाना चाहिए।

74th day :: truth of 'truth'

हम जो भी ज्ञान प्राप्त करते हैं वो अपनी ज्ञानेन्द्रियों द्वारा सुन ,देख, महसूस करके , स्पर्श करके आदि के द्वारा ही करते हैं। इसलिए हमारे लिए truth इन्हीं ज्ञानेन्द्रियों पर आधारित होती है।      किसी वस्तु, स्थान, व्यक्ति, आदि के बारे में हमारी 'सूचना' में हमारी कितनी ज्ञानेन्द्रियाँ , कितनी बार शामिल है वो निर्धारित करती है कि वो सूचना कितनी true है।    i.e. मेरा नाम ओम है।मैं एक लड़का हूँ लेकिन अगर कोई मुझसे कहे कि मेरे  जैसे body  या figure वाले को लड़का नहीं लड़की कहते हैं तो मैं उनका solid uppose करूंगा है और कहूँगा   की   क्या वो पागल हो गया है ?   लेकिन पूरा शहर यही बात कहे तो ? तो फिर मैं एक बार सोचूंगा कि मैं कहीं गलत तो नहीं ?  लेकिन अगर पूरा देश यही बात  बोले तो ?  साथ ही प्रधानमंत्री जी टीवी पर स्पष्टीकरण देते हैं कि अभी तक लड़की को लड़के और लड़के को  लड़की की तरह  संबोधित किया जा रहा था ।तब मेरे पास खुद को लडकी कहलवाने के सिवाय कोई ऑप्शन नहीं  बचेगा। * Truth जितने आयामों से और जितनी बार हमारे सामने आता है उतना ही सच्चा लगता है। * Truth जितने नए आयामों से सा

73rd day :: real Hindutva from my point of view

आजकल 'हिंदुत्व' शब्द बहुत चर्चा में है। तरह - तरह के लोग और इसके स्वयं-भू ठेकेदार इसके बारे में विभिन्न विचार भी व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन हिंदुत्व के प्रति सबसे घटिया विचार रखने वाले और हिंदुत्व के लिए सबसे बड़ा खतरा  इसके ये  स्वयं-भू ठेकेदार ही हैं।    अरे हिंदुत्व तो वो विचारधारा है जो सभी धर्मो का बाहें फैलाकर स्वागत करता है। इसमें चारित्रिक उत्कृष्ट्ता के प्रतीक के रूप में श्री राम की  'भक्तिमार्गी' पूजा की जाती है। श्रीकृष्ण के रूप में 'प्रेममार्गी'  पूजा की जाती है।   इस्लाम की तरह हिंदुत्व में मूर्तिपूजा न करने की भी छूट है , जिसे हम 'निरंकार' के रूप में जानते हैं।   सिख , बौद्ध और जैन धर्म हिन्दू धर्म से ही अलग होकर बने हैं। फिर भी हिन्दू  अनुयायियों ने उनका दमन नहीं किया  इसलिए हिंदुत्व में 'विविधता में एकता' की खूबी है।   हो सकता है की जैसे मैं हिन्दू होने के कारण हिन्दू धर्म के बारे में ज्यादा जानता हूँ इसलिए मैं इसकी खूबियां गिना रहा हूँ , ठीक वैसे ही कोई मुस्लिम अपने इस्लाम के बारे में ज्यादा अच्छाई पाए। लेकिन एक बात तय है कि द

72th day :: pak ko jawab

(a )  जब पाक भारतीय मुसलमानों के बारे में चिंता व्यक्त करे तो भारत को उससे पाक में रहने वाले अल्पसंख्यक हिन्दुओं की खराब स्थिति को याद दिलाना चाहिए। पाक से कहना चाहिए कि पहले वो पाक में अल्पसंख्यक हिन्दुओं को सुविधाएं उपलब्ध कराये उसके बाद ही भारतीय मुसलमानों के बारे में कुछ बोले । पाक को याद दिलाना चाहिए की उसने तो बंटवारे के बाद भारत से पाक गए मुसलामानों को भी दसकों तक नहीं अपनाया और उन्हें काफिर कहता रहा।  (b ) हमें कश्मीर के शांति समझौते को जरा सा भी झुके बिना सुलझाने का प्रयास करना चाहिए वरना पाक अपनी नापाक हरकतें पंजाब और बंगाल तक बढ़ा सकता है क्योंकि कश्मीर की तरह इन राज्यों का भी आधा हिस्सा पाक में है।  हमें solution के तौर पर ( पाक और परोक्ष रूप से उसका साथ दे रहे चीन के साथ ) शान्ति समझौते में हमें ये कहना चाहिए कि भारत पाक की माँग के अनुसार आज़ाद कश्मीर बनाने के लिए तैयार है बशर्ते कश्मीर के साथ - साथ  भारत, पाक, चीन, और हिमालय से लगे सभी देशों के बर्फीले क्षेत्रों को मिलाकर एक स्वतंत्र देश का निर्माण करने का प्रस्ताव रखे। साथ ही ये एक अंतर्राष्ट्रीय संधि भी बनाई जाय जिसके