76th Day :: Bhoot Pret ka chakkar : Kitna Sach Kitna Ghanchakkar

भूत प्रेत के बारे में हम सभी ने सुना है। कुछ लोग मानते हैं तो कुछ नहीं मानते लेकिन आप सबने observe जरूर किया होगा कि गांव देहातों में भूत -प्रेत लोगों को अपने वश में कर लेते हैं और शहरों में लोग मानसिक बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं ।वास्तव में यह दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, जहां एक तरफ general awareness के चलते शहरों में मानसिक बीमारियों का पहचान  करके इसका इलाज किया जाता है वही गांव में है उसे भूत में समझ कर उसका झाड़-फूंक किया जाता है। भूत- प्रेत का लेनदेन वास्तव में नशीली दवाओं का लेन-देन होता है जिसे victim दबाव डालने पर स्वीकार करता है( जहां  दबाव डालने के लिए ओझा तांत्रिक मिर्च वगैरह का धुआं या कोई अन्य डर आदि दिखाते हैं)। अक्सर लोग कहते हैं कि फलां आदमी ने उन्हें भूत दे दिया है तो इसका वास्तविक आशय होता है कि भला आदमी ने उसे नशीली दवा दे दिया है जिससे वह किसी मानसिक बीमारी के चपेट में आ गया है।  ओझा तांत्रिकों के पास इस बीमारी का संभावित anti-dote होता है जिससे  वह बीमार का इलाज करते हैं पर दिखाते ऐसा हैंं जैसे कि यह सब उनके पूजा- पाठ आदि के कारण हुआ है।
गांव में महिलाओं के भूत पकड़ने का एक कारण यह भी है कि वह सम्मान पाने और अपनी कुछ जायज नाजायज बातें मनवाने के लिए भी ऐसा करती है जो कि वह सामान्य स्थिति में नहीं मनवा सकती।

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