77th post :: Ram Mandir/Babri masjid in Ayodhya matter

1. यह एक बहुत ही संवेदनशील मामला है जिस पर कुछ भी बोलने से पहले काफी सोच विचार करना जरूरी है। फिर भी मेरे ख्याल से इसकी शुरुआत मुगल काल से करना सही होगा। मुगल काल में कुछ‌ क्रूर मुगल शासकों ने कई मंदिरों को तोड़ दिया वहीं कुछ उदार मुगल शासकों ने हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए अपने अधीन राज्य में स्थित मंदिरों को पूरी तरह ना तोड़ कर आधे हिस्से में मंदिर भी बनवाया। इसलिए इस समस्या का पहला हल यही है कि अयोध्या में हिंदू मुस्लिम एकता के प्रतीक के रूप में आधा मंदिर और आधा मस्जिद बनवाया जाए।
2. इस समस्या का दूसरा हाल यह है कि अयोध्या में राम मंदिर बना दिया जाए क्योंकि सभी जानते हैं कि रामचंद्र जी का जन्म अयोध्या में हुआ था और यह बात किसी से भी छिपी नहीं है कि बाबरी मस्जिद में कितने मुसलमान नमाज पढ़ने जाते हैं। इसलिए जायज यही होगा कि मुसलमान उदारता दिखाएं और अपने हिंदू भाइयों को मंदिर बनाने के लिए स्वयं आमंत्रित करें। इससे हिंदू समाज में मुसलमानों की इज्जत भी बढ़ेगी।
३. तीसरा विकल्प है कि सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास किया जाए और उसके फैसले का सम्मान किया जाए। सुप्रीम कोर्ट जब भी, जो भी फैसला दे उसे हिंदू, मुस्लिम सभी लोग स्वीकार करें।

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