73rd day :: real Hindutva from my point of view
आजकल 'हिंदुत्व' शब्द बहुत चर्चा में है। तरह - तरह के लोग और इसके स्वयं-भू ठेकेदार इसके बारे में विभिन्न विचार भी व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन हिंदुत्व के प्रति सबसे घटिया विचार रखने वाले और हिंदुत्व के लिए सबसे बड़ा खतरा इसके ये स्वयं-भू ठेकेदार ही हैं।
अरे हिंदुत्व तो वो विचारधारा है जो सभी धर्मो का बाहें फैलाकर स्वागत करता है। इसमें चारित्रिक उत्कृष्ट्ता के प्रतीक के रूप में श्री राम की 'भक्तिमार्गी' पूजा की जाती है। श्रीकृष्ण के रूप में 'प्रेममार्गी' पूजा की जाती है।
इस्लाम की तरह हिंदुत्व में मूर्तिपूजा न करने की भी छूट है , जिसे हम 'निरंकार' के रूप में जानते हैं।
सिख , बौद्ध और जैन धर्म हिन्दू धर्म से ही अलग होकर बने हैं। फिर भी हिन्दू अनुयायियों ने उनका दमन नहीं किया
इसलिए हिंदुत्व में 'विविधता में एकता' की खूबी है।
हो सकता है की जैसे मैं हिन्दू होने के कारण हिन्दू धर्म के बारे में ज्यादा जानता हूँ इसलिए मैं इसकी खूबियां गिना रहा हूँ , ठीक वैसे ही कोई मुस्लिम अपने इस्लाम के बारे में ज्यादा अच्छाई पाए। लेकिन एक बात तय है कि दूसरे धर्मों के प्रति इतना उदार रवैया शायद किसी भी और धर्म में न मिले।
मई यहाँ ये सब इसलिए नहीं कह रहा हूँ कि अन्य धर्मों के लोग हिन्दू धर्म को अपना लें बल्कि मैं ये सब सिर्फ हिंदुत्व को हिन्दू धर्म के स्वयं-भू ठेकेदारों द्वारा की गयी बदनामियों की कालिख को धोने के लिए कर रहा हूँ।
अरे हिंदुत्व तो वो विचारधारा है जो सभी धर्मो का बाहें फैलाकर स्वागत करता है। इसमें चारित्रिक उत्कृष्ट्ता के प्रतीक के रूप में श्री राम की 'भक्तिमार्गी' पूजा की जाती है। श्रीकृष्ण के रूप में 'प्रेममार्गी' पूजा की जाती है।
इस्लाम की तरह हिंदुत्व में मूर्तिपूजा न करने की भी छूट है , जिसे हम 'निरंकार' के रूप में जानते हैं।
सिख , बौद्ध और जैन धर्म हिन्दू धर्म से ही अलग होकर बने हैं। फिर भी हिन्दू अनुयायियों ने उनका दमन नहीं किया
इसलिए हिंदुत्व में 'विविधता में एकता' की खूबी है।
हो सकता है की जैसे मैं हिन्दू होने के कारण हिन्दू धर्म के बारे में ज्यादा जानता हूँ इसलिए मैं इसकी खूबियां गिना रहा हूँ , ठीक वैसे ही कोई मुस्लिम अपने इस्लाम के बारे में ज्यादा अच्छाई पाए। लेकिन एक बात तय है कि दूसरे धर्मों के प्रति इतना उदार रवैया शायद किसी भी और धर्म में न मिले।
मई यहाँ ये सब इसलिए नहीं कह रहा हूँ कि अन्य धर्मों के लोग हिन्दू धर्म को अपना लें बल्कि मैं ये सब सिर्फ हिंदुत्व को हिन्दू धर्म के स्वयं-भू ठेकेदारों द्वारा की गयी बदनामियों की कालिख को धोने के लिए कर रहा हूँ।
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