14th Day :: A story very close to the Truth

 एक समय भारत में एक राजा रहता था . उसका पूरे भारत में शासन था .  उसने अपनी प्रजा के लिए कुछ नियम-क़ानून( एक तरह से धर्म )  बनाए थे  जिससे उसकी प्रजा में अधिक से अधिक लोग, अधिक से अधिक 
 खुश रह सकें .
 उस राजा के दो बेटे थे .  उसने अपने बेटों को ऊँची से ऊँची शिक्षा दिलाई लेकिन कहीं कुछ कमी रह गयी . जिस वजह से दोनों हमेशा आपस में लड़ते रहते और एक दुसरे को नीचा दिखाने का मौका ढूँढते रहते .
  जब राजा बूढा हो गया तो उसने अपनी सम्पत्ति का बँटवारा करने की सोची .  सारी धन-दौलत और राज्य का बराबर-बराबर  बँटवारा होने के बाद जब धर्म की बात आई तो दोनों बेटों  ने एक समान धर्म अपनाने से मना कर दिया .
 अब दोनों में खुद को श्रेष्ठ साबित करने की होड़ लग गयी . दोनों ने अपना अलग धर्म बनाना शुरू किया .
 एक ने कहा कि वो सूर्य की पूजा करेगा , सूर्य के उगने की दिशा को पवित्र मानेगा और सूर्य पर आधारित तिथियों 
 को ही मानेगा .  वहीं दुसरे ने इसके ठीक विपरीत चन्द्रमा को पूजा के लिए और पश्चिम को पवित्र दिशा माना . भोज्य पदार्थों का बँटवारा हुआ तो एक ने शाकाहार तो दुसरे ने माँसाहार को प्राथमिकता दी .  लिखावट की बात हुई तो उसमे भी अलग-अलग लिपि का प्रयोग विपरीत दिशा से किया गया .  शुभ कार्यों के समय  की बात हुई तो उसमे भी एक का मुहूर्त समाप्त होने पर दूसरे का आरम्भ करने की बात तय हुई .
 इसी तरह अन्य बातें भी  तय की गई  और इस तरह से हिन्दू और मुस्लिम धर्म का उदय हुआ .






    इस कहानी में कुछ तो सच्चाई है क्योंकि दोनों धर्मों में इतनी अधिक बातों का ठीक विपरीत होना महज सँयोग नहीं हो सकता .....!!!

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